मध्य प्रदेश में मानसून एक बार फिर रफ्तार पकड़ रहा है। राज्य के कई हिस्सों में हल्की बूंदाबांदी से लेकर जोरदार बारिश हो रही है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों में बारिश का नया दौर शुरू होगा, जिससे कई जिलों में भारी बरसात देखने को मिल सकती है।
कहाँ-कहाँ भारी बारिश का अलर्ट?
बुधवार को मौसम विभाग ने सिहोर, हरदा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांडुरणा, शिवनी, अनूपपुर, डिंडोरी, मंडला और बालाघाट जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी है।
अगले 24 घंटों में यहां 4.5 इंच तक बारिश हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 15 अगस्त से एक और स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव होगा, जो कई जिलों में तेज बारिश लेकर आएगा।
हालिया बारिश का हाल
- मंगलवार को उमरिया में 2.5 इंच, ग्वालियर और सीधी में 0.5 इंच से ज्यादा बारिश दर्ज हुई।
- इंदौर, पचमढ़ी, बालाघाट, सागर, रीवा, मंडला, डिंडोरी और शिवनी समेत कई जिलों में हल्की बारिश हुई।
- बारिश की वजह से तापमान में गिरावट आई और उमस से राहत मिली।
हालांकि, इंदौर और उज्जैन संभाग में पिछले 12 दिनों से तेज बारिश न होने के कारण सूखे जैसी स्थिति बनने लगी थी।
बारिश के आंकड़े और असमान वितरण
इस सीजन में अब तक प्रदेश में 29.7 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि औसत 37 इंच है। यानी अभी भी 7.3 इंच की कमी है।
वहीं, कुछ क्षेत्रों में औसत से 6.6 इंच ज्यादा पानी गिर चुका है, जिससे इन जगहों का बारिश का कोटा लगभग पूरा हो गया है।
पूर्वी जिलों में अच्छी बारिश हो रही है, लेकिन पश्चिमी हिस्सों के किसान अब भी बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
कृषि पर असर और किसानों की उम्मीदें
मौसम विभाग की सीनियर वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन के मुताबिक, फिलहाल एक ट्रफ और एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन के कारण बारिश हो रही है। 13 अगस्त से उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी पर नया साइक्लोनिक सर्कुलेशन बन सकता है, जो 15 अगस्त से तेज बारिश का कारण बनेगा।
- मक्का, सोयाबीन, धान और उड़द जैसी खरीफ फसलों को इस समय पर्याप्त पानी की ज़रूरत है।
- देर से बुवाई करने वाले किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित हो सकती है।
- लेकिन निचले इलाकों और नदी किनारे के गांवों में फसलों के डूबने का खतरा भी रहेगा।
प्रशासन की तैयारियां और सतर्कता
जिन जिलों में भारी बारिश का अलर्ट है, वहां प्रशासन ने रेस्क्यू टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
- नदी और नालों के पास जाने से बचने की अपील।
- बाढ़ संभावित इलाकों में राहत शिविर और सुरक्षित ठिकानों की व्यवस्था।
- ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली और संचार व्यवस्था बनाए रखने के लिए टीमें तैनात।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश में 15 अगस्त से एक बार फिर भारी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। यह बारिश जहां किसानों और जलस्तर के लिए राहत लेकर आएगी, वहीं निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की समस्या भी बढ़ा सकती है। मौसम विभाग के अलर्ट को ध्यान में रखते हुए लोगों को सतर्क रहने और ताजा मौसम अपडेट पर नज़र रखने की सलाह दी गई है।