SUGARCANE CULTIVATION: AI की मदद से गन्ने की खेती से हो रही किसानों को बंपर कमाई

खेती अब सिर्फ मेहनत का खेल नहीं रही, बल्कि यह टेक्नोलॉजी के साथ कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है। खासकर गन्ना किसानों के लिए यह समय एक बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। अब गन्ना उत्पादन न केवल बढ़ेगा, बल्कि किसानों को कम मेहनत में ज्यादा मुनाफा भी मिलेगा।

भारतीय चीनी एवं जैव ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने बारामती की ADT संस्था के साथ मिलकर एक ऐसा AI नेटवर्क शुरू किया है, जो गन्ना खेती के तरीके को पूरी तरह बदलने जा रहा है।

गन्ना खेती की पुरानी चुनौती

गन्ना भारत की सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली नकदी फसलों में से एक है। लेकिन लंबे समय से इसमें एक समस्या रही है – मेहनत ज्यादा, मुनाफा कम। खेती की लागत, पानी की खपत और कटाई में समय, किसानों के लिए बड़ी चुनौती रही है।

इसी समस्या को हल करने के लिए AI-ML नेशनल नेटवर्क नाम का डिजिटल मिशन शुरू किया गया है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और कंप्यूटर विज़न जैसी एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है।

अब तक के नतीजे – आंकड़ों में क्रांति

इस मिशन से अब तक 1000 से भी ज्यादा किसानों को फायदा मिला है, और इसके परिणाम वाकई चौंकाने वाले हैं:

  • फसल उपज में 40% तक बढ़ोतरी
  • मेहनत और मजदूरी लागत में 35% की कमी
  • सिंचाई में 30% तक पानी की बचत
  • कटाई में 35% ज्यादा दक्षता
  • ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी
  • चीनी की रिकवरी 11% से ज्यादा

टेक्नोलॉजी पार्टनर्स और तरीके

ADT बारामती ने इस मिशन में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी संस्थाओं के साथ साझेदारी की है। साथ ही मैप माइक्रोब जैसे एग्रीटेक प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो किसानों को मोबाइल पर ही खेत की निगरानी, बीमारी की पहचान और सही समय पर खेती के सुझाव देता है।

पहले किसान अंदाजे से फसल काटते थे, जिससे नुकसान होता था। अब मोबाइल ऐप उन्हें बताता है कि कब और कैसे कटाई करनी है। इससे पानी और मेहनत दोनों की बचत हो रही है।

मुनाफे का नया रास्ता

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर किसान इस नई AI टेक्नोलॉजी का सही उपयोग करें, तो 100 टन प्रति हेक्टेयर से भी ज्यादा गन्ना उत्पादन संभव है।

भारत में अभी गन्ने की औसत उपज कई राज्यों में 60–70 टन प्रति हेक्टेयर है, लेकिन नई तकनीक से यह आंकड़ा 100 टन से ऊपर पहुंच सकता है।

भारत के प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्य

  • उत्तर प्रदेश
  • महाराष्ट्र
  • कर्नाटक

इन राज्यों में गन्ना खेती का बड़ा हिस्सा है, और नई तकनीक यहां के किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकती है।

निष्कर्ष

गन्ना खेती में यह AI क्रांति सिर्फ उत्पादन बढ़ाने का तरीका नहीं, बल्कि किसानों की जिंदगी बदलने का भी जरिया है। ISMA और ADT बारामती की यह पहल साबित करती है कि जब किसान टेक्नोलॉजी से जुड़ते हैं, तो खेत से लेकर बाजार तक हर कदम पर फायदा मिलता है।

अगर आप भी गन्ना उगाते हैं, तो इस डिजिटल बदलाव का हिस्सा बनें। अपने नजदीकी चीनी मिल, कृषि विज्ञान केंद्र, या ISMA और मैप माइक्रोब जैसे प्लेटफॉर्म से जुड़कर अपनी खेती को स्मार्ट बनाएं।

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