भारत के टैक्स ढांचे में एक ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो चुकी है। 1961 से लागू पुराना इनकम टैक्स एक्ट अब समाप्त होने की ओर है, और उसकी जगह लेने के लिए न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 संसद में पेश कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दावा किया है कि यह नया बिल न केवल टैक्स सिस्टम को सरल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि टैक्स पेयर्स, खासकर छोटे करदाताओं को बड़ी राहत देगा।
नया बिल क्यों आया?
सरकार ने साल की शुरुआत में भी एक नया इनकम टैक्स बिल पेश किया था, लेकिन उसे वापस ले लिया गया। वजह थी – सांसदों और विशेषज्ञों के सुझावों को शामिल करना। 8 अगस्त 2025 को पुराना ड्राफ्ट वापस लेने के बाद, 11 अगस्त 2025 को संसद में संशोधित और क्लीन वर्जन पेश किया गया।
वित्त मंत्री ने कहा कि कानून को साफ, स्पष्ट और प्रभावी बनाने के लिए जरूरी बदलाव करना अनिवार्य था। इस प्रक्रिया में सेलेक्ट कमेटी की रिपोर्ट अहम रही।
सेलेक्ट कमेटी की सिफारिशें
बैजन पांडा की अध्यक्षता वाली 31 सदस्यीय सेलेक्ट कमेटी ने 4575 पन्नों की रिपोर्ट में 32 बड़े संशोधन सुझाए। इनमें से कुछ अहम बदलाव इस प्रकार हैं:
- शेयरों पर हुए नुकसान को आगे ले जाने की अनुमति
- कंपनियों के डिविडेंड पर फिर से छूट
- किराए की प्रॉपर्टी पर ब्याज में राहत
- प्री-कंस्ट्रक्शन इंटरेस्ट में छूट
- छोटे टैक्स पेयर्स के लिए अनजानी गलतियों पर पेनल्टी माफी
- ITR लेट फाइल करने पर भी रिफंड का प्रावधान
- NPA (Non-Performing Asset) की स्पष्ट परिभाषा
केंद्रीय मंत्री किरण रिजीजू के अनुसार, नया ड्राफ्ट छोटे करदाताओं के लिए ज्यादा सहज है और आम जनता को भी इसमें कई सुविधाएं मिलेंगी।
छोटे टैक्स पेयर्स के लिए खास फायदे
सरकार ने विशेष रूप से छोटे टैक्स पेयर्स का ध्यान रखते हुए प्रावधान किए हैं।
- अनजाने में हुई गलतियों पर सजा नहीं
- ITR देर से फाइल करने पर भी रिफंड का अधिकार
- टैक्स प्रक्रिया को डिजिटल युग के हिसाब से आसान बनाना
ये बदलाव टैक्सपेयर्स को बेवजह की कानूनी जटिलताओं से बचाएंगे और सिस्टम में भरोसा बढ़ाएंगे।
पुराने कानून को बदलना क्यों मुश्किल था?
1961 से चला आ रहा टैक्स सिस्टम देश की आर्थिक रीढ़ का हिस्सा रहा है। इसे हटाकर नया फ्रेमवर्क बनाना एक बड़े ऑपरेशन जैसा था। इसमें न केवल आधुनिक डिजिटल आवश्यकताओं का ध्यान रखना था, बल्कि टैक्स पेयर्स के अनुभव को भी बेहतर बनाना था।
आगे की प्रक्रिया
अब इस बिल पर संसद में बहस होगी। आवश्यक संशोधनों पर चर्चा के बाद, राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने पर यह नया कानून लागू हो जाएगा। सरकार का मानना है कि यह बदलाव टैक्स नीति को सरल बनाएगा और जनता के मन में टैक्स को लेकर सकारात्मक धारणा पैदा करेगा।
निष्कर्ष
न्यू इनकम टैक्स बिल 2025 सिर्फ एक कानूनी बदलाव नहीं, बल्कि भारत के टैक्स ढांचे में एक नई सोच की शुरुआत है। अगर यह बिल संसद से पास हो जाता है, तो छोटे टैक्स पेयर्स को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी, और टैक्स भरना अब पहले से आसान और पारदर्शी हो जाएगा। अब नजर इस बात पर है कि यह नया कानून कब लागू होता है और इसका असली असर टैक्स पेयर्स की जिंदगी में कैसे दिखता है।