Trump india tariffs 25% और पाकिस्तान के साथ ऑयल ट्रेड डील: क्या अमेरिका की नई पॉलिटिक्स भारत के लिए खतरा?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30 जुलाई को भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इस फैसले की डेडलाइन 1 अगस्त से बढ़ाकर 7 अगस्त कर दी गई है। इस टैरिफ से भारत के अमेरिकी बाजार में निर्यात महंगा होगा, जिससे मांग घटने की संभावना है।

पाकिस्तान के साथ ऑयल ट्रेड डील ने बढ़ाई टेंशन

ट्रंप ने इसके ठीक अगले दिन पाकिस्तान के साथ एक बड़ी ऑयल ट्रेड डील की घोषणा की, जिससे पाकिस्तान को भारी फायदा मिलने वाला है। पाकिस्तान का टैरिफ पहले 29% था, जिसे अमेरिका ने घटाकर 19% कर दिया है। वहीं भारत के लिए टैरिफ 10% से बढ़ाकर 25% कर दिया गया है।

पाकिस्तान की ऊर्जा संभावनाएं और आर्थिक विकास

पाकिस्तान लंबे समय से देश में कच्चे तेल के विशाल भंडार की बात करता रहा है, लेकिन इसे निकालने में सफलता नहीं मिली। हाल ही में पाकिस्तान की नेशनल एक्सप्लोरेशन कंपनी ने सिंध प्रांत में नए तेल और गैस भंडार मिलने का दावा किया है। इस डील से पाकिस्तान की ऊर्जा, खनिज, आईटी समेत कई सेक्टरों को बूस्ट मिलने की उम्मीद है।

भारत-पाकिस्तान तेल उत्पादन और खपत का अंतर

भारत प्रतिदिन लगभग 6 लाख बैरल तेल का उत्पादन करता है, जबकि पाकिस्तान मात्र 68,000 बैरल। इसके बावजूद अमेरिका की यह डील भारत के लिए कई स्तरों पर चिंताजनक है, खासकर कूटनीतिक और व्यापारिक संबंधों में।

अमेरिका की पाकिस्तान को बढ़ती प्राथमिकता – चीन कंट्रोल का प्रयास?

विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका पाकिस्तान को नया बेस बनाकर चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने की कोशिश कर रहा है। चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) के जरिए क्षेत्र में गहरा निवेश कर रहा है, पर अमेरिका इस डील से पाकिस्तान को अपना मजबूत साथी बनाना चाहता है।

भारत-रूस के संबंध और अमेरिका का दबाव पॉलिटिक्स

ट्रंप ने भारत पर न केवल टैरिफ लगाए हैं, बल्कि रूस के साथ बढ़ते व्यापार के लिए पेनल्टी लगाने की बात भी कही है। रूस भारत का पुराना रणनीतिक और आर्थिक साझेदार है, खासकर ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में।

क्या ट्रंप की पॉलिटिक्स भारत की वृद्धि को रोकने का प्रयास?

2024 में भारत-अमेरिका व्यापार 129.2 बिलियन डॉलर था, जो दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्तों को दर्शाता है। लेकिन ट्रंप के कदम भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत को रोकने की रणनीति हो सकते हैं।

निष्कर्ष (Conclusion):

अमेरिका द्वारा भारत पर बढ़ाए गए टैरिफ और पाकिस्तान के साथ ऑयल ट्रेड डील जैसी नीतियां दक्षिण एशिया के जियोपॉलिटिकल परिदृश्य को बदल रही हैं। ये कदम केवल व्यापारिक फैसले नहीं, बल्कि अमेरिका की चीन और रूस को सीमित करने की रणनीति का हिस्सा हैं। भारत के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी कूटनीतिक और आर्थिक नीतियों को मजबूत कर इन चुनौतियों का सामना करे। साथ ही अमेरिका के साथ बातचीत और सहयोग के द्वार खुला रखें ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बनी रहे।

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